
कांग्रेस ने आधे किसानों का कर्ज कर दिया था माफ, भाजपा ने अभी तक नहीं किया कोई निर्णय, डिफॉल्टर होने की कगार पर किसान
मंदसौर। प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ा ओर प्रदेश में सरकार बनाते ही मुख्यमंत्री बनते ही माननीय कमलनाथ जी ने सबसे पहले किसानो की कर्जमाफी के आदेश पर हस्ताक्षर किये थे। तब से लेकर 15 माह की सरकार तक पूरे प्रदेश में 10 मार्च 2020 की स्थिति तक कांग्रेस सरकार ने करीब 23 लाख किसानों का कर्जमाफ कर दिया था। जिसमें क्षेत्र के किसान बंधु भी शामिल है।
उक्त बात कहते हुए सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के युवा कांग्रेस नेता विनय राजौरिया ने बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा अगले चरण में बचे हुए किसानों के कर्जमाफी की योजना बनाई ही जा रही थी कि 20 मार्च को षडयंत्र पूर्वक भाजपा ने कांग्रेस की सरकार गिरा दी। अपने स्वार्थ के लिए भाजपा ने अलोकतांत्रिक तरीके से प्रदेश सरकार को गिराया। लेकिन इसका सबसे ज्यादा संकट अन्नदाता किसानों पर आ गया है। क्योंकि अपने वादे के अनुसार कांग्रेस की सरकार तो लगातार कर्जमाफी कर रही थी लेकिन भाजपा सरकार ने अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। किसान इस आस में बैठे है कि सरकार कुछ करेगी और हमारा कर्ज माफ होगा लेकिन हो उल्टा रहा है प्रदेश में लगभग 22 लाख किसान डिफॉल्टर होने की कगार पर आ गए है इसमें सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के किसान बंधु भी शामिल है। लेकिन फिर भी प्रदेश में जबरदस्ती मुख्यमंत्री बन बैठे शिवराजसिंह चौहान को किसानों की बिल्कुल चिंता नहीं है और जो दल बदल के गए हे उनसे तो उम्मीद करना ही बेकार है।
श्री राजौरिया ने क्षेत्र की जनता से आव्ह्ान किया है कि ऐसी जनविरोधी सरकार को आगामी उपचुनाव में सबक सिखाने का प्रण लेना ही होगा। क्योंकि प्रदेश की जबरदस्ती की सरकार हर मोर्च पर फैल साबित हो रही है कोरेाना के मामले हो या फिर बिजली के बढ़े हुए बिल या फिर बोवनी के लिए बिजों की आपूर्ति सरकार कुछ भी सहायता नहीं कर पा रही है।