
मंदसौर । रविवार 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है। जब सूर्य देव गुरू बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते है तब यह मास खरमास कहलाता है। इस अवधि में शुभ मांगलिक और व्यापार प्रारंभ संबंधी कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य 16 दिसंबर दिन रविवार को प्रात: 9.10 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। धनु संक्रांति के साथ धनु (खर) मास आरंभ होगा और सूर्य 14 जनवरी 2019 को सायं 07.52 बजे पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिसके साथ ही खरमास की समाप्ति होगी। साल 2018 में शादी की आखिरी तारीख 15 दिसंबर होगी। इस माह 8 , 10, 11 और 12 दिसंबर को भी शादी व मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना गया था। इसके बाद सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से 16 दिसंबर से मलमास लग जाएगा। इससे एक माह विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। नए साल में 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मलमास समाप्त हो जाएगा और शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे।
जितनी ज्यादा रेखाए, मुहूर्त उतना शुद्ध होता हे
पंडित ने बताया कि लता दोष, पात दोष, युति दोष, वेध दोष, जामित्र दोष, पंच बाण दोष, तारा दोष, उपग्रह दोष, कांति साम्य एवं दग्धा तिथि, इन दस दोषों का विचार करने के बाद ही शुभ मुहूर्त बनता है। रेखाओं की गणना इन्हीं के आधार पर होती है। जितनी ज्यादा रेखाएं मुहूर्त उतना शुद्ध होता है।
14 मार्च को होलाष्टक के बाद लगेगा मलमास
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नए साल 2019 में मांगलिक कार्योके लिए पहली तिथि 17 जनवरी होगी। हिंदू कैलेंडर के नए साल विक्रम संवत 2076 में शादी के 6 4 मुहूर्त होंगे। जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च 2020 तक रहेंगे। ज्योतिष गणना के मुताबिक 17, 26 व 27 जनवरी, 3 व 9 मार्च को मांगलिक कार्य होंगे। वहीं 10 मार्च को विक्रम संवत 2075 का आखिरी शादी की तारीख होगी। फरवरी में बसंत पंचमी को छोडक़र कोई तिथि नहीं है। 10 फरवरी को बसंत पंचमी की अबूझ तिथि रहेगी 14 मार्च से होलाष्टक और 15 मार्च से मीन का मलमास लग जाएगा। इससे एक माह मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। वहीं 12 जुलाई को देवशयन हो जाएगा। इसके बाद चार माह तक कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। 8 नवंबर 2019 को देवउठनी एकादशी से फिर से शहनाइयां बजेंगी।