
जिले में पांच जनपद पंचायत क्षेत्रों में करीब 893 गांव है। इन सभी गांवों को (ओडीएफ) खुले में शौच मुक्त करने के लिए निर्देश दिए गए है। लेकिन आलाधिकारियों की उदासीनता कहे या लापरवाही अभी तक एक जनपद पंचायत को छोड़ सभी शेष चारों जनपद पंचायतों ने नहीं के बराबर कार्य किया है। यही कारण है कि इन जनपद पंचायतों में कुल गांवों का किसी में आठ तो किसी में चार प्रतिशत ही कार्य हुआ है। जबकि कई बार कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने सख्त निर्देश जारी किए है। उसके बावजूद अभी तक कोई खासा असर निर्देशों का नजर नहीं आ रहा है।
पहले ग्राम पंचायत अब प्रत्येक गांव को लिया
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार पांच जनपद पंचायतों में पहले ग्राम पंचायत की गणना के अनुसार ओडीएफ करना थे। लेकिन अब प्रत्येक गांव के अनुसार कार्य किया जा रहा है। यानि अब ग्राम पंचायतों को नहीं गिनकर उनमें कितने गांव है उनके नाम और कितने गांवों में ओडीएफ हुआ है इसको लेकर रिपोर्ट भेजी जा रही है।
सबसे खराब गरोठ और भानपुरा में कार्य
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसर जनपद पंचायत मंदसार में कुल 218 गांव में जिसमें से अभी तक केवल 40 गांव ही ओडीएफ हो पाए है। वहीं मल्हारगढ़ जनपद पंचायत में 168 गांव है जहां 168 ही गांव ओडीएफ हो चुके है। वहीं सीतामऊ में 232 गांव है जिसमें से केवल 21 गांव ही ओडीएफ हुए है। गरोठ और भानपुरा में सबसे कम गांव ओडीएफ हुए है। गरोठ में 196 गांव है जहां केवल 20 गांव ओडीएफ हुए है तो भानपुरा में 79 गांव है जिसमें से केवल 5 गांव ही ओडीएफ हो पाए है।
जनपद पंचायत गांव ओडीएफ हुए प्रतिशत
मंदसौर 218 40 8
मल्हारगढ़ 168 168 100
सीतामऊ 232 21 4
गरोठ 196 20 3.9
भानपुरा 079 5 3.9
कुल 893 254
(समस्त जानकारी जिला पंचायत से प्राप्त)
जनपद पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जल्द से जल्द गांवों को ओडीएफ करें। जहां बहुत कम संख्या है। वहां के अधिकारियों से कारण पूछा जाएगा। – रानी बाटड़, जिला पंचायत सीईओ