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- न्यायिक मजिस्ट्रेट महो. प्रथम श्रेणी का महत्वपूर्ण फैसला
मंदसौर। न्यायालय श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मंदसौर न्यायाधीश श्री एस. के. सूर्यवंशी ने एक चैक अनादरण के मामले में आपराधिक प्रकरण क्रमांक 2507/2014 (प्रहलाद बनाम मनीष कुमार) में महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए आरोपी मनीष माथुर पिता शांतिलाल माथुर निवासी किटयानी, मंदसौर को दोषी मानते हुए उसे एनआईएक्ट की धारा 138 के आरोप में 6 माह का सश्रम कारावास व एवं अभियुक्त को 50 हजार रूपये प्रतिकर फरियादी प्रहलाद अग्रवाल को देने का भी आदेश दिया गया। प्रतिकर की राशि अदा नहीं किये जाने पर आरोपी को 3 माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।
प्रकरण संक्षिप्त में इस प्रकार है कि, आरोपी मनीष माथुर पिता शांतिलाल माथुर (कर्मचारी शासकीय प्राथमिक चिकित्सालय ग्राम रेवासदेवड़ा) द्वारा फरियादी प्रहलाद पिता मन्नालाल गोयल मिर्चीवाला निवासी मंदसौर से उधार लिये गये रूपयों के पेटे चैक दिनांक 18.06.2014 का 35000 रू. का दिया था। उक्त चैक बैंक से डिसआॅनर होने पर आरोपी द्वारा रूपया वापस नहीं दिये जाने पर फरियादी ने आदरणीय न्यायालय में अपना परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें फरियादी व आरोपी द्वारा अपनी साक्ष्य प्रस्तुत की गई थी। जिसके पश्चात् आदरणीय न्यायालय द्वारा उपरोक्त प्रकरण में विधिवत सुनवाई कर फरियादी अभिभाषक के तर्कों व प्रस्तुत साक्ष्यों से सहमत होते हुए व प्रकरण की समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी मनीष माथुर को धारा 138 निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट का दोषी मानते हुए उपरोक्त सजा व जुर्माने से दंडित किया।
इस प्रकरण में फरियादी की ओर से सफल पैरवी नवीन कुमार जैन (कोठारी) एडव्होकेट, ऋषभ कुमार कोठारी एडव्होकेट व अमृत कुमार पोरवाल एडव्होकेट मंदसौर द्वारा की गई।