
पूरे शहर में एक वर्ष भी नहीं हुआ डामरीकरण किये, लेकिन अदूरदर्शी निर्णय से अधिकांश काॅलोनियों के रोड़ खोदकर, नई पाईप लाईन डाली जा रही है। इसके बाद फिर रोड़ बनेंगे तब तक सीवर लाईन डालने का काम शुरू हो जायेगा। नगरपालिका के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की, नाम मात्र के कमीशन के चक्कर में जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रूपया व्यर्थ में खर्च किया जा रहा है, यह सब सोची समझी साजिश है ताकि तीन वर्ष और पांच वर्ष की ग्यारंटी से ठेकेदार बच जाये, जहां तहां ऐसा घटिया निर्माण कर उस पर लीपापोती की ऐसी साजीशे रची जाना कोई नई बात नही है।
उपरोक्त आशय का पे्रस नोट जारी करते हुए जिला कांग्रेस महामंत्री सुशील संचेती ने बताया कि वर्तमान में डामरीकरण के कई टेण्डर स्वीकृत हुए है, उनका कार्य नगर में सीवर लाईन व पेयजल पाईप लाईन या फोर जी टू जी लाईन, केबल आदि किसी प्रकार की खुदाई का पूर्ण करने के बाद ही डामरीकरण करवाया जाये। एक तरफ तो नगर के अविकसित काॅलोनियों में टेक्स देने के बाद भी रोड़, नाली को आम नागरिक तरसता है, दूसरी तरफ विकसित काॅलोनियों में पहले डामरीकरण करवाती है, फिर उखाड़ती है, फिर करवाती है, पहले बड़े नाले बनवाती है, फिर उसे बन्ह कर संकरी नालियां बनाती है (उदाहरण के लिये अयोध्या बस्ती) इस प्रकार व्यर्थ धन की बर्बादी हो रही है। आज अभिनन्दन, 500 क्वार्टर, मेघदूत, किटियानी, गांधीनगर, कालाखेत, नईआबादी, रामटेकरी, नरसिंगपुरा जहां-जहां एक वर्ष पूर्व डामरीकरण हुआ वहां सभी रोड़ खोदकर पाईप लाईन डाली जाने का आदेश जारी कर नपा जनप्रतिनिधि व पी.आई.सी. ने अपनी बुद्धिमता का प्रमाण दिया है।
संचेती ने कलेक्टर को शिकायत कर डामरीकरण के रख रखाव, मूल्यों का अंतर व षड़यंत्रपूर्वक खोदने जाने के कारण ग्यारंटी पीरियड समाप्त करने की साजिश सहित घटिया निर्माण व वर्तमान टेण्डर के तहत डामरीकरण किये जाने की विसंगतियां व आगे खुदाई की योजना को ध्यान में रखते हुए डामरीकरण रोका जावे। साथ ही कलेक्टर से मांग की है कि अवैध काॅलोनियों में भी नालियां व ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करवाया जावे। इसके बिना स्वच्छता अभियान अधूरा है, शोचालय का पानी मेनरोड़ पर आयेगा, तो स्वच्छ भारत का निमार्ण कैसे होगा?