
- ठंड का असरः कोहरे से ढंकी रही सुबह, दिनभर अलाव के सहारे ठंड से बचते रहे लोग, जमकर हो रही गर्म कपड़ों की खरीददारी.
- बुधवार सुबह भी घना कोहरा छाया रहा, सड़क मार्ग भी देर सुबह तक धुंध में डूबी रही।
मंदसौर। उत्तर दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं ने जिले को जकड़ लिया है। नए साल के पहले दिन बुधवार को भी शीतलहर जारी रही। आकाश में बादल छाए रहने से सूरज भी बादलों में ही ढंका रहा। इसके कारण दिनभर ठंड का असर बना रहा। ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेते रहे। इसके साथ ही गर्म कपड़ों की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ बनी हुई है। नए साल की पहली सुबह को देर तक घना कोहरा छाया रहा। जिसके कारण सड़कों पर वाहन चालकों को बेहद परेशानियां हुई। खेतों में सुबह नौ बजे तक कोहरा छाया रहा।
उत्तर भारत में बर्फबारी व उत्तरी हवाओं के कारण जिले में 26 दिसम्बर के बाद से मौसम का मिजाज ठंडा बना हुआ है। जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड से सबसे ज्यादा कि सान चिंतित है। पहले खरीफ की फसल बारिश से बर्बाद हो चुकी है। अब रबी की फसल ही उम्मीद है। इस पर ठंड कहर बन रही है। इसी को देख कि सान फसलों के बचाव के लिए खेतों में धुंआ भी कर रहे है। रात में तापमान गिरने से फसलों पर ओस की बूंदें जम रही है। इससे पहले 28 दिसम्बर को न्यूनतम तापमान पांच डिग्री तक पहुंच गया था। तीन दिनों में तापमान में बढ़ोतरी हो रही है लेकि न हवाओं का जोर कम नहीं होने से ठंड का असर तेज हो रहा है। बुधवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। खेतों में सुबह नौ बजे तक कोहरे के कारण कि सान पहुंच ही नहीं पाए। शहरी क्षेत्रों में भी कोहरे के कारण परेशानियां हुई। कोहरे के कारण सुबह सड़कों पर वाहन चलाने में चालकों को परेशानी हो रही है।
सूरज भी नहीं आया नजर, अलाव ही सहारा
हवाओं के साथ ही बादल छाए रहने से ठंड का असर तेज बना हुआ है। बुधवार को सुबह से ही बादल छाए रहे इसके कारण सुबह से शाम तक सूरज भी बादलों में ही ढंका रहा। हवाओं से जिला व शहर सिहरा नजर आया। कड़ाके की ठंड से कंपकंपाते लोग बचाव के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे है। बुधवार को दोपहर में भी लोग अलाव जलाकर बैठे रहे। इसके साथ ही गर्म कपड़ों के बाजार में भी भीड़ लगी रही।
मौसम विभाग ने जताई बारिश की संभावना
शीतलहर के साथ आसमान पर छाए बादलों के बीच मौसम विभाग ने जिले में बारिश की संभावना जताई है। अगले 24 घंटे में जिले में बारिश की संभावना जताई गई है। कुछ दिन पहले भी जिले में बूंदाबादी के बीच मावठे के हालात हो गए थे। इस बीच शीतलहर का असर बढ़ा तो पाले गिरने का दौर शुरु हुआ। खेतों में फसलों पर बर्फ तक जमा हो गई। बदलते मौसम के इस दौर में किसान फसलों को लेकर चिंतित है। तो वहीं अफीम काश्तकार भी फसल को लेकर चिंता में है। मौसम के बदलते मिजाज के कारण फसलों में बीमारियां लगने की संभावना अधिक बढ़ रही है।