
गजे – बाजों के साथ निकला ऐतिहासिक जुलूस
मंदसौर। नगर में चल रहे आध्यत्मयोगी आदर्शरत्न सागर जी मसा के गणि पदवी महोत्सव के चौथे दिन 5 जून को जैन समाज का एतिहासिक विशाल चल समारोह निकला। जुलूस में आदर्शरत्न मसा को श्रावक पालकी में बैठाकर कंघो पर लेकर चल रहे थे। जुलूस में सबसे आगे घोडों पर बच्चे जैन ध्वजा लिए सवार थे। महिलाएं विशेष वेशभूषा में सिर पर कलश लिए हुए पंक्तिबद्ध चल रही थी। जुलूस में जहां हाथी, आदिवासी महिलाओं और पुरूषों का नृत्य, 51 ढोल व सोनल बैण्ड चल समारोह के आर्कषण को बढा रहे थे। जुलूस के अंत में भगवान का रथ, बैलगाड़ी जुलूस को शोभायमान किए हुए थे। चल समारोह में आचार्य विश्वरत्नसागजी मसा, मृदुरत्नसागरजी मसा सहित अनेक साधु मण्डल के साथ ही साध्वी मंडल शामिल हुए।
जुलूस मंे श्रावक श्राविकाएं मालवा के लाल ने घणी – घणी वंदन…………, गुरूजी आपो आर्शीवाद …….. जैसे गगनभेदी नारो से पूरा शहर उस समय गुंजायमान कर रहे थे। चल समारोह मे गुरूवर के चरण वंदन कर अनेक धर्मालुजनो ने अक्षत से गहुलियां कर आर्शीवाद लिया। मार्ग मे जगह – जगह अनेक समाजों व संस्थाओं ने जुलूस का स्वागत किया गया।
जानकारी के अनुसार प्रातः 8.30 बजे फतेहपुरिया अग्रवाल धर्मशाला से चल समारोह निकला। जो गॉंधी चौराहा, बीपीएल चौराहा, गौल चौराहा, नई आबादी, अफिम गौदाम रोड, दशरथ नगर होते हुए नवरत्न उपवन पहुंचा। जहां पर चल समारोह धर्म सभा मे परिवर्तित हो गया। इस दौरान आध्यात्मयोगी श्री ने धर्म दिशा पर चर्चा की।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मे नरेंद्र नाहटा, कोमल बाफना, महेंद्र चौरडिया, विनोद मेहता, मदनलाल राठौड, लक्ष्मीलाल धींग, मुकेश काला, सोमिल नाहटा, संजय मुरडिया, आयोजन समिति के अध्यक्ष रोहित परमार पूना, संयोजक सीए प्रतिक डोसी, सचिव राजेश जैन उज्जैन वाले, उपसंयोजक संदीप धींग सहित अनेक गणमान्यजन व समाजजन उपस्थित थे ।
यह थे रथयात्रा के आकर्षण
चल समारोह के प्रारंभ मे चार घोडे, एक हाथी था जो जुलुस की दिशा तय कर रहे थे। उसके बाद अमीक्षरा लिये अनेक श्रावक चल रहे थे। मार्ग मे जगह – जगह रांगोली बनाई गई थी। लांग मेन, राजस्थानी लोक कलाकार प्रस्तुतीया दे रहे थे। जुलुस के अंत मे लाभार्थी परिवार के प्रकाशचन्द्र – विमला डोसी और विजया देवी धींग बग्गी मे सवार होकर चल रहे थे।
पालकी मे आध्यात्मयोगी के किये दर्शन
पालकी मे सवार होकर आध्यात्मयोगी जुलूस मे शामिल हुए। मुनि श्री आदर्शरत्नसागरजी मसा की पालकी को धर्मालुजनो ने हाथ से उठा रखा था। युवा हृदय सम्राट श्री अक्षत रत्नसागरजी मसा को भी धर्मालुुजनो ने उठाकर नगर भ्रमण करवाया।
आज मुनि से आदर्शरत्नसागरजी मसा हो जाएंगे गणिवर्य
महोत्सव के अन्तिम दिन आज दिनांक 6 जून को मुनि श्री आदर्शरत्नसागरजी मसा गणिवर्य हो जाएंगे। कार्यक्रम के अनुसार प्रातः 9 बजे पद प्रदान महोत्सव विधि प्रारंभ कर दी जाएगी। जिसके पश्चात स्वामीवात्सल्य का आयोजन होगा। पद प्रदान विधि महोत्सव मे भाग लेने के लिए दूर – दूर से धर्मालुजन पधार रहे है।