
मंदसौर नगरपालिका इन दिनों धीरे धीरे अपने डिजिटल कदमो से आगे बढ़ रही है पहले वेबसाइट फिर मोबाइल एप्प और अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन लगाकर मंदसौर नगरपालिका यह सन्देश दे रही है की मंदसौर अब डिजिटल मंदसौर की और बढ़ रहा है !!!
मगर बड़ा सवाल यह है कि जो डिजिटल जतन पिछले दिनों लाखो का भुगतान कर के नपा ने किये थे उनका कितना लाभ मंदसौर की जनता को मिला ???
कुछ लोगो को यह ग़लतफ़हमी है कि तथाकथित फ्री वाई फाई लगने से हम डिजिटल हो गये मगर हकीकत यह है कि ये सभी महानगरीय डिजिटल सुविधाए फ्री नही है बल्कि इनके एवज में मंदसौर के लोगो की टेक्स रुपी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा कम्पनियों को दिया जाता है
चलो पैसा खर्च हुआ सो हुआ मगर मंदसौर की जनता को इसका लाभ कितना मिला ??
कितने लोगो ने नगरपालिका की वेबसाइट के माध्यम से जन्म एवं मृत्यू के प्रमाण पत्र प्राप्त किये ?? कितने लोगो ने मोबाइल एप्प के माध्यम से नगर में बिखरी गंदगी की जानकारी को नपा कर्मियों तक पहुंचाया ??
और अब देखना यह है कि नपा कर्मियों के लिए लगवाई जा रही बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन से कर्मचारियों में कितनी चुस्ती फुर्ती और अनुशासन आता है !!!
हेल्लो मंदसौर डॉट कॉम मंदसौर की जनता का ध्यान आकर्षित करवाना चाहता है और यह बताना चाहता है कि हमारे द्वारा टेक्स के रूप में भरे गये पैसो से ही शासन हमारे लिए सुविधाए जुटाता है अगर हम इनका उपयोग नही करते है तो हमारा ही लगाया गया पैसा डूब जाता है साथ ही साथ बिना इस्तेमाल किये भी कई बार मरम्मत, मेंटेनेंस एवं रख रखाव के नाम पर बड़े बड़े बिल बनाने का अवसर हम खुद ही दे देते है इसलिए बड़ी जिम्मेदारी आम नागरिको की भी बनती है क्यूंकि हमे तय करना है कि हमे सिर्फ नाम के लिए सुविधाए चाहिए या वाकई इस्तेमाल करने के लिए सुविधाए चाहिए ???
साथ ही बड़ी जिम्मेदारी मंदसौर नगर पालिका की भी बनती है…सिर्फ योजना बनाकर टेंडर, बिल और वाहवाही तक ही ये सुविधाए सीमित ना रहे बल्कि जमीनी स्तर पर इनका लाभ मंदसौर को मिले ऐसे प्रयास करना होंगे
समय रहते इस और अगर कोई कदम नही उठाया गया तो यही वाहवाही के काम अगले चुनाव मे किरकिरी का कारण भी बन सकते है !!!