
मन्दसौर। प्रदेश की सहकारी संस्थाओं के संचालक मण्डल के चुनाव नहीं हो पा रहे है। ऐसी स्थिति में सरकार ने जो संस्था कार्यकाल पूरा कर चुकी है, वहां प्रशासक नियुक्त कर दिया है। मंदसौर मार्केटिंग सोसायटी का कार्यकाल मार्च में खत्म हो रहा है। ऐसे में यहां पर भी चुनाव नहीं होने के कारण प्रशासक की नियुक्ति हो सकती है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सोसायटी ने हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ में याचिका दायय की थी। इस पर फैसला देते हुए कोर्ट ने चुनाव होने तक वर्तमान संचालक मण्डल को ही जिम्मेदारी संभालने का आदेश दिया है। जिले में लगभग 104 प्राथमिक सहकारी संस्थाएं है। इनमें संचालक मण्डल का चयन संस्था सदस्य करते है। इन सभी संचालक मण्डल के प्रतिनिधि सोसायटी संचालक मण्डल चुनते है। इसमें से एक सदस्य अध्यक्ष चुना जाता है। जिले में संचालित सभी 104 प्राथमिक सहकारी संस्थाओं के संचालक मण्डल का कार्यकाल इस माह समाप्त हो गया। ऐसे में यहां पर सरकार ने चुनाव न कराते हुए प्रशासक की नियुक्ति की।
सरकार के चुनाव नहीं कराने व प्रशासक नियुक्ति करने के खिलाफ मंदसौर मार्केटिंग सोसायटी के संचालक मण्डल की ओर से अध्यक्ष कुलदीपसिंह सिसौदिया ने याचिका दायर की थी। संचालक मण्डल की ओर से सफल पैरवी अभिभाषक गोविन्दसिंह इन्दौर द्वारा की गई।
सरकार का फैसला गलत
मार्केटिंग सोसायटी अध्यक्ष कुलदीपसिंह सिसौदिया ने कहा कि चुने जनप्रतिनिधियों को हटाकर प्रशासनिक अधिकारियों को बैठाया जाने का सरकार ने जो फैसला लिया वो गलत है। इसके खिलाफ हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के फैसले से सरकार की हठधर्मिता पर न्यायपालिका की जीत हुई है।