
‘‘ संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सांसद का किया घेराव , ज्ञापन सौंपा ’’
मंदसौर। चौथे दिन भी स्वास्थ्य विभाग के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पुरे जोश के साथ प्रातः11 बजे धरना स्थल पर उपस्थित रहे। आज समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों रैली निकालकर सांसद सुधीर गुप्ता के निवास स्थल पर जाकर उनका घेराव किया एवं अपनी 2 सुत्रीय मांगे नियमितीकरण एवं निष्कासित साथियों की पुनः वापसी को लेकर ज्ञापन सौंपा। सांसद को अवगत कराते हुए बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी विगत 5, 10 , 15 वर्षो से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है किन्तु शासन उन कर्मचारियों को नियमित करने की ओर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है बल्कि उन कर्मचारियों की अपै्रजल लेकर, उनके पदों को समाप्त कर एवं आउटसोर्सिंग करके उन्हें निष्कासित कर रहा है एवं कुछ पदों को रोगी कल्याण समिति में डालकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। सांसद महोदय को इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के ओर अधिक उग्र प्रर्दशन किये जाने के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वे केशदान व देहदान जैसा कठोर कदम भी उठा सकते है। वर्तमान में हमारे संविदा साथी ने शासन द्वारा किये जा रहे शोषण के विरूद्ध आत्मदाह का प्रयास भी किया है।
गांधी चौराहा गुरूवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा लगाये जा रहे नारे ‘‘ मामा हम शर्मिंदा है, भांजे भांजिया संविदा है’’ से गूंजता रहा।
मंदसौर जिले में जिला चिकित्सालय के साथ-साथ ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य सेवायें पूर्णतः क्षत विक्षत हो चुकी है। जहां एक ओर कार्यालयों के ताले भी नहीं खुल सके वहीं दुसरी ओर एएनएम के हड़ताल पर होने के कारण किया जाने वाला टीकाकरण भी प्रभावित रहा। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों से ही चल रही यूनिटेे जैसे एसएनसीयू, एनआरसी में बच्चों की जान जोखिम में है। टीबी, आईडीएसपी, एनआरसी, एसएनसीयू, मलेरिया, पैथोलॉजी के हड़ताल पर जाने से मरीज भटकते रहे, रिपोर्टीग यूनिट बंद होने से किसी भी प्रकार की रिर्पोट नहीं भेजी जा सकी साथ ही एएनएम, फार्मासिस्ट, लेब टेक्निशियन के काम बंद करने से मरीजों में अफरा तफरा मची रही।
आज 23 फरवरी को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संविदा चूल्हा योजना – आधी रोटी आधा पेट, संविदा का जीवन चढ़ गया भेट। धरना स्थल पर चूल्हे बनाकर आधी रोटी बनाकर शासन के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया जायेगा। अनिश्चितकलीन हड़ताल के दौरान जनसाधारण को होने वाली परेशानी के लिये मध्यप्रदेश शासन पूर्णतः उत्तरदायी रहेगा।