
नई दिल्ली/मंदसौर:- लोकसभा में नियम 377 के तहत आपने अपनी बात रखते हुए कहा कि संसदीय क्षैत्र राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। राजस्थान में भी यह जाति अजा वर्ग में शामिल है। दोनों राज्यों के जातीय वर्गीकरण भिन्न होने से बेटियों के एक दूसरे राज्य में विवाह होने पर उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। क्योंकि मध्यप्रदेश से राजस्थान में ब्याही गई समाज की बेटी को वहां पिछड़ा वर्ग में ही माना जाता है, जबकि राजस्थान से मप्र में ब्याहकर आई बेटी भी पिछड़ा वर्ग की सूची में ही रहती है। सांसद श्री गुप्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पूर्व में रही किसी विसंगति को सुधारते हुए राज्य शासन केन्द्र के समक्ष इस संबंध में प्रस्ताव भेज चुका है। राजस्थान में भी पहले एक जिले में अजा वर्ग में शामिल होने पर पूरे राज्य में समाज को अजा वर्ग में शामिल किया गया था। अतः आपके माध्यम से मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि राज्य शासन के प्रस्तावानुसार रजक समाज को पूरे राज्य में एक समान अजा वर्ग में शामिल करें।