
श्रीमती दुर्गा पवार ने बताया कि किसी व्यापारी द्वारा अनुचित प्रतिवंधात्मक पद्धति के प्रयोग से हानि होने, खरीदे गये सामान में खराबी होने, किराये पर ली गयी सेवाओं में किसी प्रकार की कमी पायी जाने, प्रदर्शित मूल्य से अधिक मूल्य लिये जाने, जीवन तथा सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा होने आदि पर। शिकायत सादे कागज पर विपरीत पार्टी का नाम तथा विवरण तथा पता, शिकायत से सवंधित तथ्य, तथा लिखित आरोपों के संवंध में दस्तावेज शामिल होने चाहिए। शिकायत दर्ज कराने के लिए वकील की आवश्यकता नही है। यदि सामान या सेवाओं की लागत अथवा मांगी गयी क्षतिपूर्ति 20 लाख रु. से कम है तो जिला फोरम में, 20 लाख से अधिक किन्तु एक करोड से कम पर राज्य आयोग के समक्ष तथा एक करोड से अधिक पर राष्ट्रीय आयोग के समक्ष शिकायत की जा सकेगी। जिला उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण समिति के सदस्य श्री अरुण सिंह ने कहा कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति कहीं न कहीं, किसी न किसी उत्पाद या सेवा के लिये उपभोक्ता होता है। विश्व बाजार के दौर में उपभोक्ता अपने हितों का संरक्षण किस प्रकार करे यह चुनौती है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की जागरूकता ही उसके हितों की संरक्षक है। उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने के लिये शासन स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस का आयोजन किया जाता है। लेकिन यह प्रयास तभी सार्थक होगा जब उपभोक्ता स्वयं सक्रिय होंगे और बाजार में अपनी आँख, नाक और कान को खोलकर उपभोक्ता के रूप में अपनी भूमिका निभायेंगे।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस का आयोजन प्रति वर्ष 15 मार्च को किया जाता है। इसी प्रकार राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह दिवस मनाने का भी मूल उद्देश्य प्रत्येक उपभोक्ता का ध्यान इस ओर आकर्षित करना है। क्योंकि शासन द्वारा 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का गठन कर दिया गया है लेकिन इसका पूर्ण लाभ तभी प्राप्त हो सकेगा जब उपभोक्ता स्वयं जागरूक व सक्रिय बनेगा।
कार्यक्रम में उपभोक्ता जागरूक्ता विषय पर डा. देवेन्द्र पुराणिक ने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता को अपने अधिकारों को लेकर सजग रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता का यह अधिकार है कि वह किसी वस्तु या सेवा के लिए मूल्य देता है, तो उसे गुणवत्तापूर्ण वस्तु या सेवा मिले।वह जो भी वस्तु खरीदता है उसके के संबंध में संपूर्ण जानकारी जैसे एगमार्क, हालमार्क, शुद्धता, अधिकतम मूल्य, निर्माण तिथि तथा उपयोग की सीमा, गारण्टी-वारण्टी आदि की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखा जाता है कि उपभोक्ताओं द्वारा जागरूकता के अभाव में खरीदी गई वस्तु का बिल नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता यदि जागरूक होगा तो उसे गुणवत्तापूर्ण वस्तु या सेवा प्राप्त हो सकेगी।
कार्यक्रम के दौरान कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने गैस उपभोक्ताओं द्वारा अपने हितों के संरक्षण के लिये बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि गैस सिलेण्डर लेते समय उसका वजन और सील आवश्यक रूप से चैक करें। प्रत्येक सिलेण्डर का वजन उसके ऊपर दर्ज होता है, इसमें 14.2 किग्रा. गैस का वजन जोड़कर ही सिलेण्डर प्राप्त करें। गैस सिलेण्डर का वजन केवल डिजिटल कांटों से ही करावें। स्प्रिंग वाला कांटे से वजन प्रतिबंधित कर दिया गया है। गैस एजेन्सियों द्वारा अपने प्रत्येक उपभोक्ता का बीमा भी कराया जाता है, जिसका लाभ उठाया जा सकता है।
कार्यक्रम में उपभोक्ताओं से संबंधित विभाग म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी, लीड बैंक मंदसौर, किसान कल्याण कृर्षि विकास, नगर पालिका मंदसौर, नापतोल विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधिय विभाग, गैस एजेन्सी, पेट्रोल पम्प, सहकारी भण्डार एवं उचित मुल्य दुकानों के प्रतिनिधि उपभोक्ताओं से संबंधित जानकारी उपस्थित उपभोक्ताओं को दी गई। कार्यक्रम में उपभोक्ता जागरूक्ता विषय पर डा. देवेन्द्र पुराणिक, श्री सत्येन्द्रसिंह सोम, श्री उमरावसिंह जैन, श्री चेतन भावसार, श्री गोपाल चावडा, श्री कमलेश जमरा, श्री ओम सोनी, श्री कपिल भण्डारी, श्री विकांत ठाकुर तथा अन्यए वक्तओं ने अपने विकचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में इलेक्ट्रानिक उपकरणों तथा ऑटोमोबाईल वाहन क्रय करते समय क्या-क्या दस्तावेज, बिल, गांरटी, वारंटी कार्ड आदि प्राप्त करने की भी जानकारी दी गई।
जागरूक उपभोक्ता बनें, अधिकार जाने
अधिकार है किसी भी उत्पाद या सेवा के बारे में जानने का। अधिकार है किसी भी तरह की खरीददारी से पहले उससे संबंधित पूरी जानकारी लेने का। अधिकार है किसी भी वस्तु या सेवा के चयन करने का। अधिकार है आपकों एमआरपी मूल्य, एक्सपायरी तिथि, वजन, मात्रा जानने का। अधिकार है खतरनाक असुरक्षित वस्तु अथवा सेवा से सुरक्षित रहने का। अधिकार है कि आपकी बात पूरी सुनी जाए। अधिकार है वस्तु या सेवा से संतुष्ट न होने पर शिकायत करने का। अधिकार है गुणवत्ता चिन्ह जैसे कि आईएसआई मार्क, एगमार्क, हॉलमार्क की जॉच करे यदि आपको कोई ठगता है, तो शिकायत करे।
शिकायत कहॉ करे
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नं. 1800-11-4000 पर। राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन्स (क्षेत्रीय भाषाओं में) जिला उपभोक्ता फोरम में रूपये 20 लाख तक की शिकायत के लिएराज्य उपभोक्ता आयोग में रूपये 20 लाख से 1 करोड तक की शिकायत के लिए।