चंद्रवंश की अठाइसवी पीढ़ी में महाराजा अजमीढ़जी का जन्म हुआ था। महाराजा अजमीढ़जी हस्ती के जेष्ठ पुत्र थे। जिनोने हस्तिनापुर बसाया था। द्विमीढ़ एव पुरुमीढ़ दोनों अजमीढ़जी क...
हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शरद पूर्णिमा की तिथि पर महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिवस ‘वाल्मीकि जयंती’ के नाम से मनाया जाता है| वर्ष 2018 में वाल्मीकि जयंती 24 अक्टूब...
लो श्रद्धांजली राष्ट्र पुरूष, शतकोटि हृदय के कुंज खिले हैं, आज तुम्हारी पूजा करने, सेतु हिमाचल संग मिले हैं गीत की ये पंक्तियॉं दुहराते समय मन श्रद्धा भाव से पुलकित हो उइ...
शहीद दिवस : हमें गांधीजी के विचारों की आज भी जरूरत आज दुनिया जिस तरह-तरह के संकट के दौर से गुजर रही है, उसमें महात्मा गांधी के मूल संदेश को बार-बार याद करने की जरूरत बहुत...
स्वतंत्र भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। उन्होंने लन्दन जाकर बेरीस्टर की पढ़ाई की ओर महात्मा गांधी के विचारों से प्रे...
हमारे श्री विश्वनाथ जी यजुर्वेदी इस नश्वर संसार से विदा लेकर ईश्वर की शरण में चले गए। उनके विदा लेने के साथ ही मंदसौर और नीमच जिले के सामाजिक जीवन का एक और नक्षत्र अनंत म...
राजस्थान में अनेक ऐसे महापुरूष हुए जिन्होंने मानव देह धारण कर अपने कर्म और तप से यहां के लोक जीवन को आलोकित किया। उनके चरित्र, कर्म और वचनबद्धता से उन्हें जनमानस में लोकद...
आध्यात्मिक जगत में गुरु पूर्णिमा का विशिष्ट स्थान है। यह पर्व आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बड़े उल्लास एवं उत्साह से मनाया जाता है। इसी दिन गुरुओं...
जानिए शनि जयंती का महत्व और फल प्रिय पाठकों/मित्रों,शनिदेव को ग्रहों में न्यायाधीश का पद प्राप्त है। मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही देते हैं। जिस व्यक्ति पर...
बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती और उनके निर्वाण दिवस दोनों के ही त...
महाराणा प्रताप मेवाड़ के शासक और एक वीर योद्धा थे जिन्होंने कभी अकबर की अधीनता स्वीकार नही की। उनका जन्म सिसोदिया कुल में हुआ था। महाराणा प्रताप जीवनपर्यन्त मुगलों से लड़...
मंदसौर निप्र। आज मंगलवार को हनुमान जयंती नगर सहित जिले में बड़े धूमधाम से मनाई जायेगी। इस हेतु नगर के हनुमान मंदिरों पर आर्कषक विद्युत साज सज्जा की गई है। नगर के श्री बडे...
प्रिय पाठकों/मित्रों, परंपरागत रूप से हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। संकटकाल में हनुमानजी का ही स्मरण किया जाता है। वह संकटमोचन क...